समय से पहले समय से आगे निकल जाने का जूनून पा लेने की जद्दोजहद
समेटता गया सब कुछ ज़िन्दगी की नाव में समझ नहीं सका जरूरी है इतनी जगह का होना की सहेज सकूँ लूटी हुयी पतंगों के माँझे गुलाब के सूखे फूल, भीगते लम्हे के किस्से खुशियों की गुल्लक, यादों के मर्तबान
आज उम्र के इस पड़ाव पर जबकि इच्छाओं का अंत नज़र आने लगा है कुछ नहीं बाकी सुविधाओं के अलावा, भौतिक सुख के इतर
ज़िन्दगी के लम्बे सफ़र में जरूरत होती है उन सब चीज़ों की छोड़ देते हैं जिन्हें हम कचरे का ढेर समझ कर ...