स्वप्न मेरे: जुलाई 2008

मंगलवार, 29 जुलाई 2008

ख्वाब

जागती आँखों में कोई ख्वाब समेटे हुवे
मुद्दतों सोया रहा तेरी याद लपेटे हुवे

लम्हा

टूटे हुवे सपनो की एक रात देखिये
भटके हुवे लम्हों से मुलाकात देखिये