दिया जलेगा या बाती या तेल जलेगा
या मेरा दिल कोने मैं चुपचाप जलेगा
इस बार दिवाली पर न जाने कौन जलेगा
रंगोली जब मेरे आँगन सज जाएगी
लक्ष्मी मेरे द्वारे आ कर रुक जाएगी
मैं तो हूँ परदेस में टीका कौन करेगा
इस बार दिवाली पर.............................
खुशियाँ तो आएँगी मेरे दरवाजे भी
गूंजेंगे घर मैं मेरे गाजे-बाजे भी
मेरे घर पर गणपति पूजन कौन करेगा
इस बार दिवाली पर.............................
बैठी होगी कहीं ढूँढ कर के वो कोना
उसका होगा दिल जाने कितना सूना
देस में उसकी रीती गागर कौन भरेगा
इस बार दिवाली पर............................
या मेरा दिल कोने मैं चुपचाप जलेगा
इस बार दिवाली पर न जाने कौन जलेगा
रंगोली जब मेरे आँगन सज जाएगी
लक्ष्मी मेरे द्वारे आ कर रुक जाएगी
मैं तो हूँ परदेस में टीका कौन करेगा
इस बार दिवाली पर.............................
खुशियाँ तो आएँगी मेरे दरवाजे भी
गूंजेंगे घर मैं मेरे गाजे-बाजे भी
मेरे घर पर गणपति पूजन कौन करेगा
इस बार दिवाली पर.............................
बैठी होगी कहीं ढूँढ कर के वो कोना
उसका होगा दिल जाने कितना सूना
देस में उसकी रीती गागर कौन भरेगा
इस बार दिवाली पर............................