माँ मेरी ये बात
मुझको कह गई है
जो मिले वो हंस
के लो मिलना वही है
दर्द के उस छोर पे सुख भी
मिलेगा
रुक न जाना जिंदगी चलती रही
है
कोशिशें गर हों
कहीं भागीरथी सी
धार गंगा की वहां हो कर बही
है
चलते चलते पांव में छाले
पड़ेंगे
ये समझना आजमाइश की घड़ी
है
दुख पहाड़ों सा अगर जो सामने
हो
सोच लेना तिफ्ल है कुछ भी नहीं
है
वक़्त के फरमान तो
आते रहेंगे
पूछना ना क्या
गलत है क्या सही है
मां की यादें सौगातें हैं जीवन भर के लिए !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
बहुत सुन्दर.बहुत बढ़िया लिखा है .शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंमाँ (या पिता भी ) के दिखाए रास्ते पर चलना कितना आसान है.....कोई काँटा नहीं कोई बाधा नहीं....
जवाब देंहटाएंबस उनकी याद लिए चलते जाना है....
सादर
अनु
माँ की माने, माँ को जाने।
जवाब देंहटाएंमाँ की हर बात सुने हर बात माने माँ तो माँ होती है
जवाब देंहटाएंrecent post
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बहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंमाँ के दिखाए रास्ते हमारे जीवन में हर पल एक मार्गदर्शक की तरह सहयोग करते हैं,बड़े ही अनमोल लफ्जों में संजोयें हैं माँ की यादें.बहुत ही बेहतरीन सुन्दर प्रस्तुती.
जवाब देंहटाएंसार्थक,बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : मैनें अपने कल को देखा,
माँ की दिखाई राह मंजिल तक पहुंचाती ही है, बस चलते चले जाना है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव... आभार
माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
जवाब देंहटाएंजो मिले वो हंस के लो मिलना वही है
दर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा
रुक न जाना जिंदगी चलती रही है
दुआ मंत्र है
माँ की बोली जैसे हो
आशीष देती !
वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
जवाब देंहटाएंपूछना ना क्या गलत है क्या सही है
सही गलत का विवेक बना रहे यही काफी है...सुंदर कविता..
माँ के पास अनुभव की पोटली होती है
जवाब देंहटाएंउसमें से जो निकाल कर दे दे
अपना लेने में जीवन आसान होती है
वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
जवाब देंहटाएंपूछना ना क्या गलत है क्या सही है
वाह!!! बहुत खूब सुंदर एवं बहुत ही सार्थक पंक्तियाँ एसी सार्थक सोच और जीवन भर कठिनाइयों से जूझते हुए भी हिम्मत से जीवन जीने का साहस केवल एक माँ ही दे सकती है।
चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
जवाब देंहटाएंये समझना आजमाइश की घड़ी है
bahut sundar bhavon ko shabdon me piroya hai aapne .man ko chhoo gayi aapki abhivyakti .badhai जो बोया वही काट रहे आडवानी
माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
जवाब देंहटाएंजो मिले वो हंस के लो मिलना वही है
बहुत ही नेक और ममता मयी सीख, शुभकामनाएं.
रामराम.
माँ के अनुभव और सीख ..बस मानते जाना है याद करके.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा और सीख देती हुई शानदार ग़ज़ल!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार!
यही तो मूल मंत्र है जीवन का जो कि जननी हमारी रगों में प्रवाहित कर देती है..
जवाब देंहटाएंमाँ की यादे भूली नहीं जा सकती है जीवन भर ..बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंकोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
जवाब देंहटाएंधार गंगा की वहां हो कर बही है -
.बेहतरीन अभिव्यक्ति
latest post: प्रेम- पहेली
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति आभार
जवाब देंहटाएंहम हिंदी चिट्ठाकार हैं
wah bahut sundar.
जवाब देंहटाएंमुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
जवाब देंहटाएंआप की ये रचना 14-06-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ।
आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।
मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।
जय हिंद जय भारत...
कुलदीप ठाकुर...
बहुत सुन्दर.बहुत बढ़िया लिखा है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.बहुत बढ़िया लिखा है
जवाब देंहटाएंचलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
जवाब देंहटाएंये समझना आजमाइश की घड़ी है
दुख पहाड़ों सा अगर जो सामने हो
सोच लेना तिफ्ल है कुछ भी नहीं है
बस यही तो ज़िन्दगी की हकीकतें हैं बेहद उम्दा और संदेश देती गज़ल
बेहद सुन्दर प्रस्तुति ....!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (11-06-2013) के अनवरत चलती यह यात्रा बारिश के रंगों में .......! चर्चा मंच अंक-1273 पर भी होगी!
सादर...!
शशि पुरवार
माँ की सीख कभी भूल नहीं सकते.
जवाब देंहटाएंउनके दिखाए रास्ते गलत नहीं होते.उनकी सीख में उनका अनुभव पिरोया हुआ होता है ,आप कविता में भी माँ के दिए प्रेरक सन्देश मिले.
आपकी यह रचना कल बुधवार (12-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण के "विशेष रचना कोना" पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंआदरणीय आप पर माता जी का आशीष इतना अधिक है कि आप जो कुछ भी लिखते केवल सुन्दर ही लिखते है, कथ्य शिल्प भाव बेहद ही सुन्दर एवं हृदयस्पर्शी हुए हैं, एक लाजवाब मुकम्मल ग़ज़ल हेतु मेरी ओर से भूरि भूरि बधाई के साथ साथ ढेरों दिली दाद भी कुबूल फरमाएं.
जवाब देंहटाएंमाँ ने बहुत अच्छी सीख दी है।
जवाब देंहटाएंअब उनका पालन करना आपका काम है।
"कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
जवाब देंहटाएंधार गंगा की वहां हो कर बही है"
दुख पहाड़ों सा अगर जो सामने हो
जवाब देंहटाएंसोच लेना तिफ्ल है कुछ भी नहीं है
khushipurwak jeene ka moolmantra de diya maa ne ...
दर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा
जवाब देंहटाएंरुक न जाना जिंदगी चलती रही है
वाह बहुत खूब
जिंदगी चलने का ही नाम है ...जो रुक जाए वो जिंदगी ही कहाँ है
जो लिखा,अनुभव-सिद्ध है,
जवाब देंहटाएंयही गठरी उन्होंने जोड़ी और अपनी संतानों को सौंप दी !
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,आभार.
जवाब देंहटाएंमाँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
जवाब देंहटाएंजो मिले वो हंस के लो मिलना वही है
बहुत ही सुन्दर ...
वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
जवाब देंहटाएंपूछना ना क्या गलत है क्या सही है
कितनी प्रेरणादायक पंक्तियाँ है.
बहुत अच्छा सन्देश है.
लाजवाब गजल
जवाब देंहटाएंसादर
माँ चली जाती है लेकिन जीवन का सूत्र छोड़ जाती है।
जवाब देंहटाएंदर्द के उस छोर पे सुख भी मिलेगा
जवाब देंहटाएंरुक न जाना जिंदगी चलती रही है
कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
धार गंगा की वहां हो कर बही है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है... बढ़िया ग़ज़ल!
माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
जवाब देंहटाएंजो मिले वो हंस के लो मिलना वही है
बहुत सुन्दर सार्थक बात ...गहन अभिव्यक्ति है दिगंबर जी ...!!
बहुत बढ़िया लिखा आपने है...शुभकामनायें आपको ...!!
जवाब देंहटाएंजीवन भर की याद , जीवन भर की बात
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
जवाब देंहटाएंपूछना ना क्या गलत है क्या सही है !
सुन्दर अभिव्यक्ति...
मां की बात हो और मुनव्वर राना की दो लाइन ना हों, ऐसा हो ही नहीं सकता।
जवाब देंहटाएंऐ अंधेरे देख ले, मुंह तेरा काला हो गया,
मां ने आंखे खोल दीं, घर मे उजाला हो गया।
मीडिया के भीतर की बुराई जाननी है, फिर तो जरूर पढिए ये लेख ।
हमारे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर। " ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज ! "
http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/abp.html
galat yaa sahi poochne laayak aapne rakha hee kahaan digambar jee...bahut hee khoobsurat rachna ka samaavesh kiya hai aapne!
जवाब देंहटाएंMother teaches us the ways of life :)
जवाब देंहटाएंeveryday !!
your post reminded me of lines I read few days back. It says-
मंजिल मिल ही जायेगी एक दिन,
भटकते-भटकते ही सही ।
गुमराह तो वो हैं,
जो घर से निकले ही नहीं ॥
कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
जवाब देंहटाएंधार गंगा की वहां हो कर बही है
चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
ये समझना आजमाइश की घड़ी है
माँ की सीख ज़िंदगी को आसान बना देगी .... खूबसूरत गज़ल
चलना ही जिंदगी है।
जवाब देंहटाएंवक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
जवाब देंहटाएंपूछना ना क्या गलत है क्या सही है
आपने सौ टेक की बात कही
हर माँ की दुआ और सीख ...अपने बच्चों के लिए !
जवाब देंहटाएंचलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
जवाब देंहटाएंये समझना आजमाइश की घड़ी है
बहुत सुंदर बात कही आपने.
.
जवाब देंहटाएं.
.
बेहतरीन...
...
आगे ले जाने के लिए एक पूरी परंपरा सौंप गई हैं माँ !
जवाब देंहटाएंबाऊ जी नमस्ते!
जवाब देंहटाएंसही है मत जी की सीख
ढ़
--
थर्टीन ट्रैवल स्टोरीज़!!!
बाऊ जी नमस्ते!
जवाब देंहटाएंसही है माता जी की सीख
ढ़
--
थर्टीन ट्रैवल स्टोरीज़!!!
माँ की कही बातें कितनी शिक्षाप्रद होती हैं
जवाब देंहटाएंऔर जीवन पथ पर दीप बन कर सदा प्रकाशमान रहती हैं
सादर !
वक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
जवाब देंहटाएंपूछना ना क्या गलत है क्या सही है
...कितनी सुन्दर शिक्षाप्रद बातें...बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति...
उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएं@मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ
Digamber ji
जवाब देंहटाएंBahut kuchh kaha logon ne maa par magar aapne jo kahi umda kahi hai.
माँ मेरी ये बात मुझको कह गई है
जवाब देंहटाएंजो मिले वो हंस के लो मिलना वही है
बेहतरीन साहब ! यूँ तो पूरी रचना अद्भुत है पर इस पंक्ति ने दिल को छू लिया !!
खुबसूरत सीख सुंदर रचना |
जवाब देंहटाएंकोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
जवाब देंहटाएंधार गंगा की वहां हो कर बही है------
सकारात्मक विचारों को सार्थकता से व्यक्त करती अदभुत रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर
आग्रह है- पापा ---------
चलते चलते पांव में छाले पड़ेंगे
जवाब देंहटाएंये समझना आजमाइश की घड़ी है
..... सुंदर बात कही आपने
......जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ
जीवन का शाश्वत सत्य...
जवाब देंहटाएंकोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
धार गंगा की वहां हो कर बही है
वाह.......अति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंवाह ....! माँ का तो खजाना है आपके पास ....:))
जवाब देंहटाएंmaa ki yaaden, behtareen sir :)
जवाब देंहटाएंगीता का सार यही है .
जवाब देंहटाएंवक़्त के फरमान तो आते रहेंगे
पूछना ना क्या गलत है क्या सही है
जो हुआ था अच्छा हुआ ,जो हो रहा है कल्याण कारी है जो होगा वह भी अच्छा होगा .जब जब जो जो होना है तब तब सो सो होता है ...माँ की मार्फ़त समझा दिया फलसफा भी जिंदगी का .ठीक हूँ यहाँ कैंटन (मिशिगन )में .नवम्बर २ ३ मध्य तक यहीं हूँ .शुक्रिया आपने स्वास्थ्य सम्बन्धी पड़ताल की चिंता जतलाई अपना पन बांटा .ॐ शान्ति .
हर बार की तरह ही सुन्दर और मार्मिक रचना । माँ जो देती है हमेशा हमारे साथ रहता है । रहना चाहिये । आपके साथ बखूबी है ।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनाये एक से बढ़ के एक होती है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हाव और अर्थ लिए है यह रचना जीवन का सार लिए है .विस्तार लिए है .
जवाब देंहटाएंwah wah bahut khoob...
जवाब देंहटाएं.
.कोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
धार गंगा की वहां हो कर बही है
एक और बेहतरीन रचना.
जवाब देंहटाएंमाँ को समर्पित कविताओं का ऐसा अनूठा संकलन जो आपके ब्लॉग पर है शायद ही कहीं और मिलेगा.इसे पुस्तक का रूप दे दें ..एक नायाब तोहफा होगा आप के पाठकों के लिए.
jeevan ke liye amulya sandesh parak kavita.
जवाब देंहटाएंjeevan ke liye amulya sandesh parak kavita.
जवाब देंहटाएंमाँ की समझाईश जीवन धन है !
जवाब देंहटाएंकितनी जबरदस्त सीख है दादा....पर क्या करें मन को ढांढस बंधाना भी तो आसान नहीं है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन नयनाभिराम दृश्यावली और वर्रण सशक्त .
जवाब देंहटाएंकोशिशें गर हों कहीं भागीरथी सी
जवाब देंहटाएंधार गंगा की वहां हो कर बही है
संग्रहणीय ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति लय ताल भाव और अर्थ समस्वरता लिए .ॐ शान्ति .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
nice lines
जवाब देंहटाएंnice lines
जवाब देंहटाएंमाँ ने तो जीवन दर्शन करा दिया ।
जवाब देंहटाएं' जो मिले वो हंस के लो मिलना वही है '
जवाब देंहटाएंजीवन जीने का सार मिल गया!!!
jeevan ke sacche anubhav..
जवाब देंहटाएं