इंद्र-धनुष के सात रँगों में रँग नहीं होते ... रँग सूरज की
किरणों में भी नहीं होते और आकाश के नीलेपन में तो बिलकुल भी नहीं ... रँग होते
हैं तो देखने वाले की आँखों में जो जागते हैं प्रेम के एहसास से ...
दुनिया रंगीन दिखे
इसलिए तो नहीं भर लेते रँग आँखों में
उदास रातों की कुछ उदास यादें
आँसू बन के न उतरें
तो खुद-ब-खुद रंगीन हो जाती है दुनिया
दुनिया तब भी रंगीन होती है
जब हसीन लम्हों के द्रख्त
जड़ बनाने लगते हैं दिल की कोरी ज़मीन पर
क्योंकि उसके साए में उगे रंगीन सपने
जगमगाते हैं उम्र भर
सच पूछो तो दुनिया तब भी
रंगीन होती है
जब तेरे एहसास के कुछ कतरे लिए
फूल फूल डोलती हैं तितलियाँ
ओर उनके पीछे भागते कुछ मासूम बच्चे
रँग-बिरँगे कपड़ों में
पूजा की थाली लिए
गुलाबी साड़ी पे आसमानी शाल ओढ़े
तुम भी तो करती हो चहल-कदमी रोज़ मेरे ज़ेहन में
दुनिया इसलिए भी तो रंगीन होती है
दुनिया इसलिए भी रंगीन होती है
कि टांकती हो तुम जुड़े में जंगली गुलाब
#जंगली_गुलाब