स्वप्न मेरे: विश्वास ...

मंगलवार, 30 अप्रैल 2024

विश्वास ...

तूफान के साथ सब कुछ उजड़ गया सिवाए प्रेम के
पूरब की किरणों के साथ लौटने लगी घास, खिलने लगे फूल
लौट आया सफ़ेद बादलों का कारवाँ

इन्द्र-धनुष के रंग भी खिलने लगे समय के साथ
कितना जरूरी है प्रेम और प्रेम पर विश्वास होना

11 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम जरूरी है | प्रेम चोपड़ा नहीं :)

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 1 मई अप्रैल 2024को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम

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  3. कितना जरूरी है प्रेम और प्रेम पर विश्वास होना...बहुत खूब!

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  4. कम शब्दों गहन भाव उजागर करती गहन अभिव्यक्ति ।

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  5. कितना जरूरी है प्रेम और प्रेम पर विश्वास होना
    प्रेम और प्रेम पर विश्वास !
    विश्वास के बिना तो प्रेम अपाहिज सा है ।
    गहन चिंतनपरक लाजवाब सृजन ।

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