इससे कहीं आगे है हम दोनों का सच
पल-पल का रिश्ता, जो है रोज़ का किस्सा
कहानी हर लम्हे की, प्रेम के उतरने की
मुझे यक़ीन है तेरी साधना पर
तेरे व्रत, तेरी प्रार्थना पर ...
जानता हूँ जुड़ जाएँगी कुछ नयी साँसें
आज फिर मेरे जीवन में
सुनो ...
एक संकल्प मैं भी लेना चाहता हूँ, आज
करना चाहता हूँ तमाम सांसें, साझा तेरे साथ
दुआ करना करवा माई से
स्वीकार हो मेरा भी संकल्प पूजा के साथ
मैं जानता हूँ जंगली गुलाब
तेरी हर बात सुनता है ऊपर वाला ...
#करवाचौथ #जंगली_गुलाब
करवाचौथ की भावना के मर्म को खोलते अति कोमल भाव !! समर्पण ही जहाँ रिश्तों को गहरा और शाश्वत बनाता है ऐसे दांपत्त्य को जीवित रखने वाला एक अनुपम त्योहार है यह
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं करवा चौथ की
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 12 अक्टूबर 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कोमल भावों में गुँथीं बहुत सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंअत्यन्त सुन्दर
जवाब देंहटाएंसाँसे साझा करने का संकल्प !!!
जवाब देंहटाएंवाह!!!
उन साँसों का भी क्या करना जिनमें हमसफर साथ ना हो
बहुत ही लाजवाब सोच एवं सृजन
🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंपूजा और व्रत तो बाहर की चीज़ें हैं, पर यहाँ रिश्ता रोज़ की साँसों में चल रहा है। मुझे ये बात बहुत खूबसूरत लगी कि प्रेम सिर्फ़ महसूस नहीं हो रहा, बल्कि निभाने का संकल्प भी है। ऊपर वाले की बात कहकर आपने एक अपनापन दे दिया, जैसे प्रेम सिर्फ़ दो लोगों में नहीं, पूरी सृष्टि में गूँजता है।
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