क्या करूँ यादों का पर जो हैं पुरानी आपकी.
ज़ुल्फ़ का ख़म गाल का डिम्पल नयन की शोख़ियाँ,
उफ़ अदा उस पर चुनर सरके है धानी आपकी.
रात मद्धम, खुश्क लम्हे, टुक सरकती ज़िन्दगी,
बज उठे ऐसे में चूड़ी आसमानी आपकी.
शोर उठा अब तक पढ़ी, बोली, सुनी, देखी न हो,
मुस्कुरा के हमने भी कह दी कहानी आपकी.
शुक्र है आँखों कि भाषा सीख कर हम आये थे,
वरना मुश्किल था पकड़ना बेईमानी आपकी.
फैंकना हर चीज़ को आसान होता है सनम,
दिल से पर तस्वीर पहले है मिटानी आपकी.
जोश में कह तो दिया पर जा कहाँ सकते थे हम,
गाँव, घर, बस्ती, शहर है राजधानी आपकी.
हमसे मिल कर चुभ गया काँटा सुनो जो इश्क़ का,
काम आएगी नहीं फिर सावधानी आपकी.
चाँद, उफुक, बादल, तेरा घर, बोल जाना है कहाँ,
दोस्ती वैसे भी हमको है निभानी आपकी.
रात मद्धम, खुश्क लम्हे, टुक सरकती ज़िन्दगी,
बज उठे ऐसे में चूड़ी आसमानी आपकी.
शोर उठा अब तक पढ़ी, बोली, सुनी, देखी न हो,
मुस्कुरा के हमने भी कह दी कहानी आपकी.
शुक्र है आँखों कि भाषा सीख कर हम आये थे,
वरना मुश्किल था पकड़ना बेईमानी आपकी.
फैंकना हर चीज़ को आसान होता है सनम,
दिल से पर तस्वीर पहले है मिटानी आपकी.
जोश में कह तो दिया पर जा कहाँ सकते थे हम,
गाँव, घर, बस्ती, शहर है राजधानी आपकी.
हमसे मिल कर चुभ गया काँटा सुनो जो इश्क़ का,
काम आएगी नहीं फिर सावधानी आपकी.
चाँद, उफुक, बादल, तेरा घर, बोल जाना है कहाँ,
दोस्ती वैसे भी हमको है निभानी आपकी.
वाह
जवाब देंहटाएंआहा... लाज़वाब ,शानदार
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत गज़ल...पढ़ते-पढ़ते
अनायास गुनगुनाने लगे ।
सादर
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ४ जुलाई २०२५ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
वाह ! बेहद खूबसूरत रोमानी सी ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंसब दराज़ें साफ़ कर लीं बात मानी आपकी.
जवाब देंहटाएंक्या करूँ यादों का पर जो हैं पुरानी आपकी.
आरम्भ से लेकर अंत तक…, लाजवाब और बेहद खूबसूरत ग़ज़ल ।
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंyaad hai..!
जवाब देंहटाएंशुक्र है आँखों कि भाषा सीख कर हम आये थे,
जवाब देंहटाएंवरना मुश्किल था पकड़ना बेईमानी आपकी.
वाह!!!१
क्या बात...एक से बढ़कर एक शेर
लाजवाब गजल।