शाम बारिश भोर बारिश.
कर रही है बोर बारिश.
तुम कहाँ जाओगी जाना,
हो रही घनघोर बारिश.
टप टपा टप, टप टपा टप,
शोर ही बस शोर बारिश.
मार डाले लोग कितने,
उफ़ ये आदम-खोर बारिश.
डूब जाए ना सभी कुछ,
पृथ्वी के हर छोर बारिश.
कुछ हवाएं चल रही हैं,
होगी अब कमज़ोर बारिश.
दिल भिगोया मिल गए हम,
या ख़ुदा चित-चोर बारिश.
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 09 जून 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंLoved it...
जवाब देंहटाएंतरबतर करके तन बदन पूरा
मन को कर गयी सराबोर बारिश...☺ वाणभट्ट
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंदुआ लगी दिगम्बर-ए-गजल की, पधारी हमारी नगरिया ताबड़-तोड़ बारिश! @ आपका comment on my blog - इश्क और प्यार का मज़ा लीजिए, थोड़ा इंतजार का मज़ा लीजिए ! ;) लिखते रहिए !
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंकाश इधर भी हो थोड़ा बारिश
तुम कहाँ जाओगी जाना,
हो रही घनघोर बारिश.
क्या बात 👌👌
वाह !! बारिश का मनमोहक चित्रण
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