इसलिए तो नहीं छोड़ देते दौडना
की काँटों भरी हैं जिंदगी की राहें,
झड़ जाने के डर से उगना बंद नहीं कर देते पत्ते,
हो सके तो कभी मत खोलना ज़िन्दगी के बीते पन्ने
रंग खत्म नहीं होते वक़्त के, न ही ज़िन्दगी के पन्ने ...
खत्म होती है तो चाह, कुछ कर गुजरने की
ललक कुछ पाने की ...
मेरी जिद्द है तुझे पाने की, मेरे हाथों में हैं नए रंग
खुला हुआ है ज़िन्दगी का एक नया पन्ना
काफी है मुझे उम्र भर के लिए ...
सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 18 दिसम्बर 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआगे बढ़ने का संदेश देता सुंदर सृजन,
जवाब देंहटाएंहर पल नया है, और हर घड़ी में वह मिलता है
जिसके होने से है रात भोर में सूरज खिलता है
सकारात्मक ऊर्जा का संचालन करती सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमेरी जिद्द है तुझे पाने की, मेरे हाथों में हैं नए रंग
जवाब देंहटाएंखुला हुआ है ज़िन्दगी का एक नया पन्ना
काफी है मुझे उम्र भर के लिए ...
सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती सुंदर रचना,सादर नमन आपको
जी बिलकुल, झड़ जाने के डर से उगना बंद नहीं कर देते पत्ते । आगे बढ़ने की प्रेरणा देती सुंदर रचना । बहुत बधाइयां ।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह💙❤️
जवाब देंहटाएंवाह💙❤️
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सोच..,प्रेरक संदेश देती बहुत सुन्दर रचना ॥ नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई 🙏
जवाब देंहटाएंझड़ जाने के डर से उगना बंद नहीं कर देते पत्ते....एक पंक्ति में जिंदगी का पूरा फलसफा भर दिया आपने !!
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