स्वप्न मेरे: जो लिखा है ख़त में उस पैगाम की बातें करो ...

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

जो लिखा है ख़त में उस पैगाम की बातें करो ...

फिर किसी मासूम पे इलज़ाम की बातें करो.
क़त्ल हो चाहे न हो पर नाम की बातें करो.
 
वक़्त ज़ाया मत करो जो चंद घड़ियाँ हैं मिली,
मौज मस्ती हो गयी तो काम की बातें करो.
 
कुर्सियों के खेल का मौसम किनारे है खड़ा,     
राम की बातें हैं तो इस्लाम की बातें करो.

एक ही चेहरे में दो किरदार होते हैं कभी,  
ज़िक्र राधा का जो आए श्याम की बातें करो.
 
रास्ता लम्बा है ग़र तो मंज़िलों पर हो नज़र,
मिल गई मंज़िल तो फिर आराम की बातें करो.  
 
ये न सोचो क्या लिखा है, कब लिखा है, क्यों लिखा,   
जो लिखा है ख़त में उस पैगाम की बातें करो.

12 टिप्‍पणियां:



  1. वाह ! जिंदगी की राह ही नहीं मंजिल दिखाने का पैगाम देती बेहतरीन शायरी !!

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  2. एक ही चेहरे में दो किरदार होते हैं कभी,
    ज़िक्र राधा का जो आए श्याम की बातें करो
    वाह ! बहुत ख़ूब । सुन्दर संदेश समाहित किये लाजवाब ग़ज़ल ।

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  3. ये न सोचो क्या लिखा है, कब लिखा है, क्यों लिखा,
    जो लिखा है ख़त में उस पैगाम की बातें करो.
    बहुत सुंदर।

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  4. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 13 फरवरी 2023 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  5. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (12-2-23} को जीवन का सच(चर्चा-अंक 4641) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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  6. हर शेर में अनुकरणीय पैगाम है।
    बहुत खूबसूरत लिखा है आपने।

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है