स्वप्न मेरे: देखो परख लो सच सभी इस प्यार से पहले ...

शुक्रवार, 25 मार्च 2016

देखो परख लो सच सभी इस प्यार से पहले ...

हो दिल्लगी ना, सोच लो इज़हार से पहले
देखो परख लो सच सभी इस प्यार से पहले

अपने गुनाहों को कभी भी मान मैं लूँगा
पर हो खुले में पैरवी इकरार से पहले

टूटा अगर तो जुड़ न पाएगा कभी रिश्ता
सोचो हज़ारों बार तुम व्यवहार से पहले

जो दिल में है सब खुल के उनको बोलने तो दो
मौका जरूरी है किसी इनकार से पहले

यूँ ही नहीं सर टेकना गर देवता भी हो
ठोको बजा कर देख लो सत्कार से पहले

तैयार हूँ मैं हारने को जंग दुनिया की
तुम जीत निष्चित तो करो इस हार से पहले

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