स्वप्न मेरे: पल दो पल सुस्ताना सीख ...

बुधवार, 2 मार्च 2016

पल दो पल सुस्ताना सीख ...

झगड़ों को निपटाना सीख
रिश्तेदार बनाना सीख

खुद पे दाव लगाना है तो
अपना बोझ उठाना सीख

घाव तो अक्सर भर जाते हैं
गहरे दाग मिटाना सीख

मुद्दत से जो साथ है तेरे
उसका साथ निभाना सीख

बैठी होगी भूखी प्यासी
सही समय घर जाना सीख

तेजी के इस दौर में भईया
पल दो पल सुस्ताना सीख
  

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