स्वप्न मेरे: तिल
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रविवार, 16 जून 2024

तिल, प्रेम और आइना ...

लगातार गहरा होता
ये जो बड़ा से तिल है तुम्हारे चेहरे पर
निशानी है प्रेम की

मेरी जाना, वक़्त के साथ जरूरी तो नहीं
प्यार का इज़हार करते रहना
कभी आइना भी तो देख लिया करो ...
#जंगली_गुलाब 

मंगलवार, 18 अगस्त 2015

धूप को वो छोड़ के घर आ गया ...

फोड़ के सभी का वो सर आ गया
उसमें पत्थरों का असर आ गया

बोल दो चिराग से छुप कर रहे
तेज़ आंधियों का शहर आ गया

छंट गए गुबार सभी धूल के
बादलों का झुण्ड जिधर आ गया

दुश्मनी रहेगी कभी भी नहीं
भूल जाने का जो हुनर आ गया

देखते न खुद के मुंहासे कभी
दूसरों का तिल भी नज़र  गया

जुगनुओं की एक झलक क्या मिली
धूप को वो छोड़ के घर आ गया

पिछले कई दिनों से घर से दूर एरिज़ोना, यूं. एस. में हूँ, आज समय मिलने पे आपसे मुखातिब हूँ, उम्मीद है जल्दी ही ब्लॉग पे नियमित होऊंगा