स्वप्न मेरे: किसी के पास सदा वक़्त रुका होता है ...

शनिवार, 2 अगस्त 2025

किसी के पास सदा वक़्त रुका होता है ...

मशाल बन के अंधेरे में खड़ा होता है. 
लिबास धूप का जिस-जिस को अता होता है.

हज़ार बार उठेगा जो लगी हो ठोकर,
उठा न फिर वो नज़र से जो गिरा होता है.

उसी जगह पे महकती है मुहब्बत पल-पल,
जहाँ-जहाँ भी तेरा ज़िक्र हुआ होता है.

न जाने कब ये बखेड़ा खड़ा करे कोई,
शरीफ़ दिल में जो शैतान छुपा होता है.

तुम्हारे साथ का मतलब ये समझ पाया हूँ,
हसीन मोड़ भी मंज़िल का पता होता है.

उसे यक़ीन है गंगा में धुलेंगे सारे,
गुनाह कर के वो हर बार गया होता है.

किसी को मिलने की ख़ुद से भी नहीं है फ़ुरसत,
किसी के पास सदा वक़्त रुका होता है.

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