दूरियों को पाटने वाला संवाद
या समय के साथ चौड़ी होती खाई ...
और संवाद ... वो क्या है
महज़ एक वार्तालाप ?
समझने, समझाने का माध्यम ?
या आने वाले सन्नाटे कि और बढ़ता, एक कदम ...
शायद अती में होने वाली हर स्थिति की तरह
मौन और संवाद की सीमा भी ज़रूरी है
वर्ना गिट भर कि दूरी
उम्र भर का फाँसला भी तय नहीं कर पाती ...
#स्वप्न_मेरे
सटीक
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 25 दिसंबर को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 25 दिसंबर को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंदरअसल मौन हो या संवाद उनका स्रोत क्या है, अहंकार या प्रेम, सब कुछ इसी पर निर्भर करता है
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 26 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 26 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 26 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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वाह बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह लाजवाब रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंशायद अती में होने वाली हर स्थिति की तरह
जवाब देंहटाएंमौन और संवाद की सीमा भी ज़रूरी है
वर्ना गिट भर कि दूरी
उम्र भर का फाँसला भी तय नहीं कर पाती ...
बहुत सटीक एवं चिंतनपरक...
👌👌🙏🙏