स्वप्न मेरे: श्री कृष्ण …

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

श्री कृष्ण …

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की सभी को बहुत बहुत बधाई …


सकल जगत अपना हुआजीत  कोई हार 
कान्हा जी से जुड़ गएअंतर्मन के तार 


कान्हा जी ऐसा करोभीगे मन इस बार 
शरण तुम्हारी पा सकूँभव-सागर हो पार 


प्रेमसमर्पणशक्तिधनराधा के अधिकार 
दौड़े दौड़े  गएकान्हा जिनके द्वार 


पृथ्वीजल-वायूगगनअग्नि तत्व शरीर 

सुख-दुःखमायामोहजगहर बंधन में पीर 


बने द्वारिकाधीश जोरहे जगत को पाल
सखा-सखी मन जा बसेखुद हर-हर गोपाल 

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर कृष्ण रंग में पगी गजल
    कृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(१९-०८ -२०२२ ) को 'वसुधा के कपाल पर'(चर्चा अंक -४५२७) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. कान्हा जी ऐसा करो, भीगे मन इस बार
    शरण तुम्हारी पा सकूँ, भव-सागर हो पार

    दिल से निकली अति सुन्दर भाव,जय श्री कृष्ण 🙏

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  4. बहुत सुंदर कृष्णमय अराधना

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  5. बहुत शानदार प्रस्तुति।
    सभी रचनाएं पठनीय सुंदर।
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  6. सकल जगत अपना हुआ, जीत न कोई हार
    कान्हा जी से जुड़ गए, अंतर्मन के तार

    वाक़ई उर में भक्ति जगे तो सारा जगत उस परमात्मा की याद दिलाता है

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  7. बेहतरीन अभिव्यक्ति नासवा जी !

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  8. वाह , यह भी स्वरूप है आपके चिन्तन और लेखन का . ईश्वरोपासना आस्था का आधार होती है . आस्था बिना जीवन चिन्तन निराधार होता है . दोहे बहुत अच्छे हैं

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  9. पृथ्वी, जल-वायू, गगन, अग्नि तत्व शरीर
    सुख-दुःख, माया, मोह, जग, हर बंधन में पीर जय
    श्री कृष्णा !!

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है