कुनमुनी
धूप का एहसास
जब अनायास ही बदलने
लगे मौसम
समझ लेना दूर कहीं
यादों में
स्पर्श किया है
मैंने तुम्हारा
माथे पे गिरी एक
आवारा बूँद
जगाने लगे एक
अनजानी प्यास
समझ लेना तन्हाई के
किसी लम्हे ने
अंगड़ाई ली है कहीं
हर मौसम में खिलता
जंगली गुलाब
तेरे होंटों की
मुस्कुराहट लिए
महक रहा है पुरानी
पगडण्डी पर
चल आज वहीं टहल आएँ
…
जोड़ लें कुछ ताज़ा
लम्हे, यादों की बुगनी में …
#जंगली_गुलाब
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ जुलाई २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ जुलाई २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
वाह
जवाब देंहटाएंवाह💙❤️
जवाब देंहटाएंयादों की बुगनी ..... खूबसूरत एहसास ।
जवाब देंहटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार 29 जुलाई 2022 को 'भीड़ बढ़ी मदिरालय में अब,काल आधुनिक आया है' (चर्चा अंक 4505) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:30 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
वाह ! क्या बात है ! खूबसूरत प्रस्तुति आदरणीय ! बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंहर मौसम में खिलता जंगली गुलाब
जवाब देंहटाएंतेरे होंटों की मुस्कुराहट लिए
महक रहा है पुरानी पगडण्डी पर
चल आज वहीं टहल आएँ …
जोड़ लें कुछ ताज़ा लम्हे, यादों की बुगनी में …
.. बहुत खूब! यादों की बुगनी में ...
बहुत सुंदर एहसास।
जवाब देंहटाएंसादर
चल आज वहीं टहल आएँ …
जवाब देंहटाएंजोड़ लें कुछ ताज़ा लम्हे, यादों की बुगनी में
मन तो हमेशा यादों की गलियों में ही घुमना चाहता है। हमेशा की तरह लाजबाव सृजन,सादर नमस्कार 🙏
खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत मोहक अहसास।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत मोहक अहसास।
जवाब देंहटाएंअद्भुत ! गजब की प्रतिभा दी है आपको भगवान ने !!
जवाब देंहटाएं3FDC14CD51
जवाब देंहटाएंkiralık hacker
hacker arıyorum
belek
kadriye
serik