विल्स ...
एक पुरानी विल्स
की सिगरेट जैसी है.
ख़ाकी फ्रौक में
लड़की सचमुच ऐसी है.
हंसी-ठिठोली, कूद-फाँद, ये मस्त-नज़र,
अस्त-व्यस्त सी
लड़की देखो कैसी है.
फ़ेस बनाता क्यों
है उस लड़की जैसे,
बादल अब तेरी तो
ऐसी-तैसी है.
सूरत, सीरत, आदत, अब क्या-क्या बोलूँ,
जैसी बाहर अंदर
बिलकुल वैसी है.
गहरा कश भर कर उस
दिन फिर भाग गई,
खौं-खौं करती
लड़की वाक़ई मैसी है.
सुन्दर
जवाब देंहटाएंबिल्कुल आपके बयाँ के अनुसार ही देख रहे कि लड़की कैसी है ।
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन ।
उम्दा सृजन
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार 12 दिसंबर 2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
फ़ेस बनाता क्यों है उस लड़की जैसे,
जवाब देंहटाएंबादल अब तेरी तो ऐसी-तैसी है.
वाह!!!
कमाल का सृजन
आखिर लड़की है ही ऐसी शायर शायरी न करे तो क्या...
लाजवाब ।
अलग तरह के बिंबो से सजी सरस अभिव्यक्ति सर।
जवाब देंहटाएंसादर।
बिल्कुल अलहदा अंदाज, अलहदा उपमाएं , परम्परागत मिथक को तोड़ता उम्दा सृजन।
जवाब देंहटाएं