स्वप्न मेरे: विल्स ...

सोमवार, 5 दिसंबर 2022

विल्स ...

एक पुरानी विल्स की सिगरेट जैसी है.
ख़ाकी फ्रौक में लड़की सचमुच ऐसी है.


हंसी-ठिठोली, कूद-फाँद, ये मस्त-नज़र,
अस्त-व्यस्त सी लड़की देखो कैसी है.


फ़ेस बनाता क्यों है उस लड़की जैसे,
बादल अब तेरी तो ऐसी-तैसी है.


सूरत, सीरत, आदत, अब क्या-क्या बोलूँ,
जैसी बाहर अंदर बिलकुल वैसी है.


गहरा कश भर कर उस दिन फिर भाग गई,
खौं-खौं करती लड़की वाक़ई मैसी है.

7 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्कुल आपके बयाँ के अनुसार ही देख रहे कि लड़की कैसी है ।
    सुंदर सृजन ।

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  2. आपकी लिखी रचना सोमवार 12 दिसंबर 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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  3. फ़ेस बनाता क्यों है उस लड़की जैसे,
    बादल अब तेरी तो ऐसी-तैसी है.
    वाह!!!
    कमाल का सृजन
    आखिर लड़की है ही ऐसी शायर शायरी न करे तो क्या...
    लाजवाब ।

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  4. अलग तरह के बिंबो से सजी सरस अभिव्यक्ति सर।
    सादर।

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  5. बिल्कुल अलहदा अंदाज, अलहदा उपमाएं , परम्परागत मिथक को तोड़ता उम्दा सृजन।

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