फिर मिलन की कामना अच्छी नहीं
दर्द की संभावना अच्छी नहीं
हो सके तो कर्म का सन्धान हो
बस उदर की साधना अच्छी नहीं
शूल भी लेने पड़ेंगे साथ में
पुष्प की ही चाहना अच्छी नहीं
आज तेरा कल किसी के पास है
अर्थ की आराधना अच्छी नहीं
वो बने जो हो सके कार्यान्वित
कागज़ों में योजना अच्छी नहीं
कर नहीं सकते तो क्यों हो बोलते
व्यर्थ की आलोचना अच्छी नहीं
ये न होगा वो न होगा ये कठिन
मन में ये अवधारणा अच्छी नहीं
दर्द की संभावना अच्छी नहीं
हो सके तो कर्म का सन्धान हो
बस उदर की साधना अच्छी नहीं
शूल भी लेने पड़ेंगे साथ में
पुष्प की ही चाहना अच्छी नहीं
आज तेरा कल किसी के पास है
अर्थ की आराधना अच्छी नहीं
वो बने जो हो सके कार्यान्वित
कागज़ों में योजना अच्छी नहीं
कर नहीं सकते तो क्यों हो बोलते
व्यर्थ की आलोचना अच्छी नहीं
ये न होगा वो न होगा ये कठिन
मन में ये अवधारणा अच्छी नहीं
sir!
जवाब देंहटाएंaap bahut achha likhte hain...behtareen