दिल किसी बात पर तो टूटा है.
मन्नतें हो रहीं है सब पूरी,
कैसे कह दूँ शजर ये झूठा है.
छोड़ आये उसी मोहल्ले को,
जिस जगह वक़्त हमसे छूटा है.
कुछ हकीकत चुभी है पैरों में,
काँच का ख्व़ाब है जो टूटा है.
मैं उधर तुम इधर चली आईं,
चश्म-दीदी गवाह बूटा है.
याद के ढेर हैं जहाँ बिखरे,
वो ठिकाना ही अपना कूचा है.
दुश्मनों का इलाज था लेकिन,
हमको अपनों ने मिल के लूटा है.
#स्वप्न_मेरे
वाह
जवाब देंहटाएंबाद मुद्दत वो हमसे रूठा है.
जवाब देंहटाएंदिल किसी बात पर तो टूटा है.
वाह !
एक से बढ़कर एक अश्यार
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 02 फरवरी 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंपूरी कहानी कह गया...''छोड़ आये उसी मोहल्ले को,
जवाब देंहटाएंजिस जगह वक़्त हमसे छूटा है.'' ....वाह बहुत खूब
मन्नतें हो रहीं है सब पूरी,
जवाब देंहटाएंकैसे कह दूँ शजर ये झूठा है.
best line
हृदयस्पर्शी पंक्तियां।
जवाब देंहटाएंहमें तो अपनों ने लुटा
गैरों में कहां दम था।
भाई वाह...बहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति...👏👏👏
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