बजते थे जिनके नाम के डंके चले गए.
नाराज़ आईना भी तो इस बात पर हुआ,
दो चार दोष ढूँढ के अन्धे चले गए.
उस दिन के बाद लौट के वो घर नहीं गया,
माँ क्या गई के घर से परिंदे चले गए.
माँ क्या गई के घर से परिंदे चले गए.
बापू की शेरवानी जो पहनी तो यूँ लगा,
हमको सम्भालते थे जो कन्धे चले गए.
हमको सम्भालते थे जो कन्धे चले गए.
गिर्दाब वक़्त का जो उठा सब पलट गया,
उठते थे बैठते थे जो बन्दे चले गए.
उठते थे बैठते थे जो बन्दे चले गए.
महँगे बिके जो लोग चमकते रहे सदा,
सोने के दिल थे जिनके वे मंदे चले गए.
सोने के दिल थे जिनके वे मंदे चले गए.
मरना किसी के इश्क़ में जल कर ये अब नहीं,
शम्मा बुझी तो उड़ के पतंगे चले गए.
शम्मा बुझी तो उड़ के पतंगे चले गए.
क्या लिख दिया बन्धु... लाजवाब...❤️❤️❤️
जवाब देंहटाएंलाजवाब
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 10 मई 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम
बहुत ही उम्दा ।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार (११-०५-२०२३) को 'माँ क्या गई के घर से परिंदे चले गए'(अंक- ४६६२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बापू की शेरवानी जो पहनी तो यूँ लगा,
जवाब देंहटाएंहमको सम्भालते थे जो कन्धे चले गए.
वाह!!!
बहुत ही लाजवाब गजल
👌👌🙏🙏
वाह बहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना.....!!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
satta matka,kalyan matka,satta batta,Kanpur Matka
जवाब देंहटाएं,kanpur satta matka,super bazar matka,
kanpur satta,madhur matka,satta bazar,matka king,dubai matka,kanpur matka result,dubai satta,
madhur bazar,gujarat matka,manipur matka,kanpur matka tips,kalyan satta matka,dp boss matka,
dp boss,satta matka result,prabhat satta matka,mahakal matka
BF2E8F1E0B
जवाब देंहटाएंtakipçi satın al
Aşk Acısı Kalbe Zarar Verir mi
Kredi Danışmanlık Şirketleri
Alışveriş Siteleri
Güvenilir Takipçi