स्वप्न मेरे: एहसास ...

बुधवार, 8 जून 2022

एहसास ...

जब तक नहीं पड़ती धूल आँखों में
एहसास नहीं होता  
आती-जाती साँसों का एहसास भी तब तक नहीं 
रुकने न लगे हवा जब तक
 
वैसे रात का एहसास भी रौशनी के जाने से नहीं
अंधेरे के आने से होता है
 
मैं जानता हूँ नहीं जुडी ऐसी कोई भी वजह तेरे एहसास के साथ
सिवाए इसके की मैं तुझे प्रेम करने के लिए पैदा हुआ हूँ
मेरे जंगली गुलाब तेरे होने का एहसास मेरी साँसों तक तो है न ...  

#जंगली_गुलाब

21 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 9 जून 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. एहसास पर ही जैसे टिकी दुनिया ।।बहुत खूब ।👌👌👌

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  3. गज़ब ! सटीक व्याख्या , गहन अहसास समेटे भाव।
    बहुत सुंदर।

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  4. प्रेम करने के लिए नहीं, प्रेम ही बन जाता है अस्तित्त्व जब, तब उसके अहसास की कोई वजह नहीं होती

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  5. वैसे रात का एहसास भी रौशनी के जाने से नहीं
    अंधेरे के आने से होता है,
    गहन रचना

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  6. वाह ..रोशनी के जाने और अँधेरे के आने में कितना फर्क होता है ..प्रेम का खूबसूरत एहसास .

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  7. प्रेम और एहसास से लबरेज सुन्दर सृजन,सादर 🙏

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  8. बेवजह होनेवाला एहसास ही खास होता है। एहसास की कोई वजह तो तो वह सामान्य सा लेन देन का रिश्ता बन जाता है।

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  9. पल पल होने वाले अहसास ही हम में मानवीय गुणों का संचार करते हैं जिनमें प्रेम का अहसास सबसे अनूठा है । ढाई अक्षर के भाव को पोषित करता अनुपम सृजन ।

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  10. सिवाए इसके की मैं तुझे प्रेम करने के लिए पैदा हुआ हूँ
    मेरे जंगली गुलाब तेरे होने का एहसास मेरी साँसों तक तो है न ... अहसास का बेहतरीन चित्रण ।

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  11. जंगली गुलाब के होने का एहसास साँसों को
    इससे बेहतर एहसास और क्या...
    बहुत ही लाजवाब
    वाह!!!

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  12. तुझे प्रेम करने के लिए पैदा हुआ हूँ
    मेरे जंगली गुलाब तेरे होने का एहसास मेरी साँसों तक तो है न ... //////
    👌👌👌👌🙏🙏

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  13. ....बेहद खूबसूरत बहुत ही लाजवाब

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  14. पढ़कर स्तब्ध रह गया हूँ दिगंबर जी। कहूँ भी तो क्या कहूँ?

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