उम्र से ज़्यादा जोड़ा है
फिर भी कितना थोड़ा है
बाबस्ता यादें उस से
घर जो हमने छोड़ा है
परदेसी हो कर जाना
कौन सा नाता तोड़ा है
शहरों के रास्तों पर तो
हर कोई बस रोड़ा है
गुमनामी में है जिसने
तूफां का रुख मोड़ा है
उसके दोड़े घर चलता
वो जुम्मन का घोड़ा है
तंग हैं उनके दिल उतने
जितना आँगन चौड़ा है
फिर भी कितना थोड़ा है
बाबस्ता यादें उस से
घर जो हमने छोड़ा है
परदेसी हो कर जाना
कौन सा नाता तोड़ा है
शहरों के रास्तों पर तो
हर कोई बस रोड़ा है
गुमनामी में है जिसने
तूफां का रुख मोड़ा है
उसके दोड़े घर चलता
वो जुम्मन का घोड़ा है
तंग हैं उनके दिल उतने
जितना आँगन चौड़ा है
उसके दोड़े घर चलता
जवाब देंहटाएंवो जुम्मन का घोड़ा है
तंग हैं उनके दिल उतने
जितना आँगन चौड़ा है
.... बिलकुल सही आज यही हालात देख दुःख होता है ..
बहुत बढ़िया
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