स्वप्न मेरे: तकाज़ा ...

शनिवार, 26 अक्टूबर 2024

तकाज़ा ...

वो टकराएगी किनारों से तो क्या होगा
उसके हँसने पे धूप खिलेगी या महकेगी रात रानी
पिघलेगी मोम उसके हाथों में या बर्फ होगा पानी

बहुत सी बातें जो मैं जानता हूँ
तुम न ही जानों तो अच्छा ...
#जंगली_गुलाब

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द सोमवार 28 अक्टूबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. बहुत ही उम्दा रचना...👏👏👏

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