चलो रंगों को नए अर्थ दें
नए भाव नए रंग दें
खून के लाल रंग को
पानी का बेरंग रंग कहें
(रंगों की विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए)
सफ़ेद को नीला
(आँखों को गहराई तो मिले)
धूप को काला
(अधिकतर लोगों के कर्मों को सार्थकता देने के लिए)
और काले को पीला कर दें
(कम से कम अंधेरों में रहने वाले
उज्जवल भविष्य का एहसास तो कर लें)
सफेद रंग को सिरे से मिटा दें
अर्थ हटा दें
भविष्य के लिए शब्द-कोष में सुरक्षित कर दें
(बदनामी से तो बचा रहेगा बेचारा)
संभव हो तो इंद्र-धनुष के सात रंगों को मिला कर
बेरंग सा एक रंग कर दें
(“मेरे” “तेरे” रंग से बचाने के लिए)
भगवे और हरे को मिला
एक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ...
भगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ...
ऐसा हो तो हर रंग खिल उठे..... अर्थपूर्ण भाव
वाह ! कितनी अनूठी कल्पना...रंगों की यह अदला-बदली बहुत अच्छी लगी !
जवाब देंहटाएंरंग के नए रंग पढने को मिले आपकी इस रचना में ..अदभुत सोच ..बहुत बढ़िया ..रंग ही रंग हो जीवन में
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली प्रस्तुती....
जवाब देंहटाएंअनूठी कल्पना ... काश सब रंग मिल कर एक हो जाएँ
जवाब देंहटाएंपानी का बेरंग रंग कहें..
जवाब देंहटाएंयह ख्याल खूब है.
भगवे को हरे से मिला कर भारत बना दें..वाह!
बहुत अच्छी कविता.
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12 -07-2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... रात बरसता रहा चाँद बूंद बूंद .
दिगंबर नासवा जी बहुत उत्तम भाव इनके अर्थ बदल जाएँ कुछ तो उद्धार हो देश का बहुत सुन्दर प्रयोग ..वाह
जवाब देंहटाएंभगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ...
काश ये ख्याल हर भारतीय का बन जाये।
कितना अच्छा हो सब एक रंग में रंग जाएँ ...
जवाब देंहटाएंवाह वाह क्या ख़याल है ..बेहतरीन और अनूठा
भारतीयता के रंग को प्रणाम!
जवाब देंहटाएंAnoothi sonch ..kaah aisaa ho jaaye Amen
जवाब देंहटाएंबार-बार पढूंगा ....और समझने की कोशिश करूँगा
जवाब देंहटाएंआपके अच्छे भाव !!!
रंगों की ऐसी रंगत पढ़ कर अच्छा लगा..काश भारत-पाकिस्तान एक हो जाते..तो कडवाहटें मिट जाती..
जवाब देंहटाएंwaah
जवाब देंहटाएंभगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ...
बहुत ही गहरी बात...
सुंदर रंग संयोजन को प्रस्तुत किया है. इस कल्पना से मिलकर भावों ने बहुत कुछ कह दिया.
जवाब देंहटाएंवाह..........
जवाब देंहटाएंक्या कल्पना है...
क्या अभिव्यक्ति है भावों की......
बेहतरीन.
अनु
सुन्दर कल्पना।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कल्पना है सर!
जवाब देंहटाएंसादर
रंगों पर बेहतरीन कविता... बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंभगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ...
यह रंग सबको रंग जाएगा ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
वाह--
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |
बधाई स्वीकारें ||
bahut achhe rang hai.......
जवाब देंहटाएंकवी महाशय, आपके भाव नि:संदेह श्रेष्ठ हैं किन्तु यहाँ सब पहले ही बेरंग हो चुका है ! पहले खुरचना पडेगा, बदरंग निकालना होगा तब जाके.... :)
जवाब देंहटाएंअद्भुत कल्पना...रंगों को मिले नए रंग...
जवाब देंहटाएंrango ki duniya sachmuch ranbirangi ho jaaye agar aisa ho to
जवाब देंहटाएंkaash such mein aisa ho jaaye...aameen..
जवाब देंहटाएंजब से रंगों में अपने पाले बना लिये, ईश्वर ने दुनिया बेरंगी कर दी..
जवाब देंहटाएंwaah kya baat hai, kitni gehri soch liye hai apki ye kavita....soch me hu ki fir mere Bharat ka rang kaisa hoga ?
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अनूठी कल्पना
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन ,प्रभावशाली रचना...
:-)
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट कल 12/7/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा - 938 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क
आमीन ! इस कल्पना में भी रंग भर जाएँ .
जवाब देंहटाएंसफ़ेद रंग सबसे रंगीन...आखिर सात रंगों से मिलकर बना है...भगवा और हरा का समायोजन कर भारत की कल्पना...बेहतरीन प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंसुंदर व्यंग्यार्थ लिये अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंरंग भरी कल्पनाओं का सुन्दर भारत,,,,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
अभिनव प्रयोग .अर्थ और व्यंजना के स्तर पर .बधाई .हाँ काली पीली /लाल पीली किसी के संग न करना .किसी के चेहरे का रंग न उड़ाना कभी .
जवाब देंहटाएंवीरुभाई ,४३,३०९ ,सिल्वरवुड ड्राइव ,केंटन ,मिशिगन ,४८ ,१८८ ,यू एस ए
अनुपम विचार
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत रचना आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंभगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें...
बहुत सुंदर सोच सही रचना.....!!
शायद ऐसा हो भी जाए....
पर फिर हमारे प्रिये नेता नए अल्पसंख्यक ढूंढ़ लेने और राजनीति चलती रहेगी....
धर्म टी भरे है अपने देश में....!!
रंगों के यह नए रंग ..बहुत रंगीन एवं खूबसूरत लगे.
जवाब देंहटाएंबढ़िया रंग भरे है रचना में
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ....
स्वप्न मेरे...
जवाब देंहटाएंभगवे हरे रंग का नाम हो भारत
बढ़िया कल्पना
इन्द्रधनुष ।
बने हकीकत ।।
बेगाने बैगनी को, नीला भी समुदाय ।
लाल रक्त से खेलता, पीला को अपनाय ।
पीला को अपनाय, भला जीवन नारंगी ।
आसमान का रंग, हरा भगवा भी संगी ।
मेरे तेरे स्वप्न, चले जो सरपट चक्का ।
निर्मल शुद्ध सफ़ेद, सहे न भारत धक्का ।।
वाह क्या विचार हैँ आपके ऐसा विचार सबके हो जाये तो धरती स्वर्ग बन जायेगी ओर देवता यहाँ आने के लिए तरसगे
जवाब देंहटाएंभगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें...
..bahut sundar saartak soch se upji sundar rachna..aabhar!
सफेद रंग को सिरे से मिटा दें
जवाब देंहटाएंअर्थ हटा दें
भविष्य के लिए शब्द-कोष में सुरक्षित कर दें
(बदनामी से तो बचा रहेगा बेचारा)
waah , sahi kaha hai
संभव हो तो इंद्र-धनुष के सात रंगों को मिला कर
जवाब देंहटाएंबेरंग सा एक रंग कर दें
(“मेरे” “तेरे” रंग से बचाने के लिए)
बेहतरीन !!
बहुत ही सुंदर विचार पिरोये हैं शब्दों में आप ने
और बहुत प्रभावी ढंग से
बेहतरीन ....
जवाब देंहटाएंसंभव हो तो इंद्र-धनुष के सात रंगों को मिला कर
बेरंग सा एक रंग कर दें
(“मेरे” “तेरे” रंग से बचाने के लिए)
वाह
बेहतरीन बेहद सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएंसात रंग की कल्पना, मन को करे प्रसन्न।
जवाब देंहटाएंएक रंग के साथ में, कैसे हों सम्पन्न।।
भारत रंग
जवाब देंहटाएंक्या बात है ......बहुत खूब ,,,,,,!!
सार्थक पहल...! :)
जवाब देंहटाएं’रंगों को नये अर्थ’ देकर,आपने ’आज’ के कडुवे सत्य पर करारा कटाक्ष किया है.
जवाब देंहटाएंसही कहा—’भारत’ पर्याय बन गया है,हरे औए भगवा रंगों की विकृतियों का,जिसे
हमारा भविष्य,अनकिये पाप के परिणामों के रूप में भोगेगा.
नए अर्थ रंग के हैं अच्छी रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
इस कविता के अंतर में निहित कई ऐसे रंग हैं जो बदरंग होती हमारी मनसिकता, समाज और देश को फिर से रंगीन कर दे। ज़रूरत है किसी कनवास पर इच्छा की ब्रश चलाने की।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुंदर कल्पना !
जवाब देंहटाएंइस तरह रंगों के अर्थ बदलने से.. ये बदरंगी होती दुनिया...कितनी खुशरंग हो जाएगी..
भगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ...आमीन :) काश यह स्मभव हो जाए ...
सफेद रंग को सिरे से मिटा दें
जवाब देंहटाएंअर्थ हटा दें
भविष्य के लिए शब्द-कोष में सुरक्षित कर दें ........बहुत खूब ,,,,,,!!
रहें रंग सब निखरते,लिए वज़ूद अपना
जवाब देंहटाएंबहुरंग था सदा जो,कहीं हो न जाए सपना
भगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ....
bahut sahi baat bahut saleeke se kah dee hai bhai naswa ji...kash! ispar amal ho..
रंगों के अर्थों को दोबारा परिभाषित करती एक बहुत ही अनूठी ..सशक्त ...विचारोत्तेजक रचना.....बधाई !
जवाब देंहटाएंभगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ... .....ये तो ठीक हैं ...नयी सोच के साथ
पर रंगों के बदलने से जीवन के मायने बदल जाएंगे......सादर
Shaaandaaaar!!!ultimate kavita hai!!
जवाब देंहटाएंदिगम्बर जी, मुझे लगता है आप कूची लेकर बैठे होगे.. और प्रयोग के बाद ये बढ़िया कविता लिखी होगी...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर विचार पिरोये हैं शब्दों में आप ने
जवाब देंहटाएंऔर बहुत प्रभावी ढंग से,काश ये विचार प्रभावी हो पाते
Aap to khamosh kar dete hain...
जवाब देंहटाएंकविता का रंग बिलकुल मौलिक है।
जवाब देंहटाएंइसमें समाज का कटु सत्य निहित है..!
सही कहा आपने, समय के साथ-साथ रंगों की परिभाषा बदलने की मजबूरी है।
भगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें .. वाह! वाह!
सलाम आपको इस अनमोल रचना के लिए...
सादर.
रंगों को नये रंग में रँगती अद्भुत उद्भावना: अपनी बात कहने का एक बहाना!
जवाब देंहटाएंभगवे और हरे को मिला
जवाब देंहटाएंएक नया रंग बना दें
उसे “भारत” नाम दे दें ...
बहुत अच्छा विचार. सुंदर कविता.
संभव हो तो इंद्र-धनुष के सात रंगों को मिला कर
जवाब देंहटाएंबेरंग सा एक रंग कर दें
(“मेरे” “तेरे” रंग से बचाने के लिए)
रंगों को क्या अर्थ दिया है आपने
अद्भुत, सुंदर .....
Gahre arth udghatit kar diye aapne.
जवाब देंहटाएं............
ये है- प्रसन्न यंत्र!
बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ !
जवाब देंहटाएंbahut sunder khayaal
जवाब देंहटाएंरंगों के विविध संदर्भो से उठ कर यह कविता वृहद् अर्थ तक ले जाती है जिसका एक कैनवास अचानक बहुत बड़ा हो जाता है. बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंbauhat khoob socha hai...impressive!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर काश हम भगवे को हरे से मिला पायें और रंग दे इस देश की चुनरिया ।
जवाब देंहटाएंrango ke naye roop ki sunder rachna
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
waah kavi ki kalpna hai....anokhi ...
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