स्वप्न मेरे: कुछ एहसास

शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2008

कुछ एहसास



बादल का एक टुकड़ा
अभी अभी मेरे ख़्वाब ले कर भागा है
चलो जल्दी से उसे पकड़ लें
कहीं बरसात के साथ
वो बिखर न जाये



क्षितिज के उस पार
जहाँ चाँद समुंदर में उतर आया है
चलो जल्दी से नहां लें
कंही चाँद खो न जाये
अभी अभी
एक बच्चे नें वहां
पत्थर उछाला है

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