आप ख़्वाबों में नहीं आते हो जब तक
मैं हकीकत से जुड़ा रहता हुं तब तक
जिन्दगी की राह में चलना हे तन्हा
थाम कर रक्खोगे मेरा हाथ कब तक
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
बस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
तुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
गीत नगमें नज्म कविता शेर तेरे
बस तेरी ही बात तेरा नाम लब तक
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
पूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
आप ख़्वाबों में नहीं आते हो जब तक
जवाब देंहटाएंमैं हकीकत से जुड़ा रहता हुं तब तक
किसी एक पंक्ति की तारीफ करना मुश्किल है ...हर पंक्ति लाजवाब ...बधाई इस सुन्दर अभिव्यक्ति के लिये ।
आप ख़्वाबों में नहीं आते हो जब तक
जवाब देंहटाएंमैं हकीकत से जुड़ा रहता हुं तब तक
और जब किसी का ख्बाब आ जाता है तो सच में हकीकत की दुनिया से दूर हो जाता है व्यक्ति चाहे वो किसी तरह का भी ख्बाब क्योँ ना हो ...हर शेर का एक ख़ास मतलब है ...बढ़िया गजल ...शुक्रिया
वाह क्या खूब नज्मे लिखी है जनाब , दिल बाग बाग हुआ . बहुत खूबसूरत, हर नज़्म चश्मे बद्दूर .
जवाब देंहटाएंआदरणीय नासवा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
..........हर पंक्ति लाजवाब दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
खुशियों भरा हो साल नया आपके लिए
नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
बेहतरीन पोस्ट...बधाई
नीरज
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह वाह
जवाब देंहटाएंएक एक शे'र नगीना हैं नासवा जी... गजल के सारे कानूनों में बंधा हुआ उन्मुक्त भाव रचना कोई आपसे सीखे...शुक्रिया बेहतरीन गज़ल पढवाने के लिए,
हर शेर का एक ख़ास मतलब है ...बढ़िया गजल ...
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
वाह , क्या ग़ज़ब बात कही है ।
बहुत सुन्दर ।
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
बहुत बढ़िया.....
वाह वाह …………गज़ब के शेर हैं सभी लाजवाब ……………एक से बढकर एक हैं……………दिल को छू गये।
जवाब देंहटाएंनासवा जी , बहुत ही अच्छे एहसास के साथ लिखी गई है.... हर नज़्म बहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
बिलकुल सही कहा आपने प्यार से बढ़िया कोई रास्ता नहीं बहुत बढ़िया लगा आपका लिखा हुआ नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
Wah! Kya alfaaz hain!Harek pankti waise to lajawaab hai!
जिन्दगी की राह में चलना हे तन्हा
जवाब देंहटाएंथाम कर रक्खोगे मेरा हाथ कब तक
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
बस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
Bahut sundar sir ji.
बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है आपने. नववर्ष की शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंप्रतीक्षा की घड़ियों में सुख दुख की बरसती फुहार।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी की राह में चलना हे तन्हा
जवाब देंहटाएंथाम कर रक्खोगे मेरा हाथ कब तक
jab tak mumkin hai saath chalo
tanha hone se pahle kuch door chalo
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
नए साल पर कितना खूबसूरत पैग़ाम दिया है नासवा जी.
बहुत उम्दा ग़ज़ल है.
नए साल की मुबारकबाद.
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
चलिए आपकी इस बात पर भी अमल कर के देख लेते हैं. लाजवाब नगीने, कितनी सही बात कही है आपने
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
.
bahut khoob
हमेशा की तरह ........ लाजबाब
जवाब देंहटाएंतुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक ....
..very nice sir...
आखिरी शेर सबसे अच्छा लगा..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना,
जवाब देंहटाएंश्रीमान को नव वर्ष मुबारक हो.
समर्पण के साथ लिखी सुन्दर गजल के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंनये साल की मुबारकवाद कुबूल करें!
एक बार फिर बेहरतीन रचना
जवाब देंहटाएंहर शेर बेहतरीन
वैसे तो सारे शेर एक से बढ़कर एक हैं.........लेकिन मतला बहुत ख़ास है..........सरल शब्दों में गहरी बात कही है.........
जवाब देंहटाएंअच्छी है ...
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
... kyaa baat hai !
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
पूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
... kyaa kahane !!
bahut sundar abhivyakti .badhai .nav varsh ki hardik shubhkamnaye .
जवाब देंहटाएंसचमुच.. एक के शेर लाजवाब!!
जवाब देंहटाएंab kyaa kahoon sab to sab kah gaye...
जवाब देंहटाएंab kyaa kahoon sab to sab kah gaye...
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
waah kaabile tareef. waise to har sher par clap karne ka dil kar raha hai. bahut hi badhiya likhte hain aap.
निगाहों में आशा की चमक हो तो वे लौट आएंगे तुरंत.
जवाब देंहटाएंबाऊ जी,
जवाब देंहटाएंनमस्ते!
आनंद! आनंद! आनंद!
मैं जानता हूँ वो नहीं आएगा....
फिर भी आ जाते हैं उसके ख्याल!!!
न्यू ईअर में मेरे अलावा, होप, हैल्थ एंड हैप्पीनेस आपके रफ़ीक रहें!
आशीष
---
हमहूँ छोड़ के सारी दुनिया पागल!!!
तुम चमकती रौसनी से दूर रहना,
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ रहता है बस शब तक।
दमदार शे'र , ख़ूबसूरत ग़ज़ल्।
सब बेहतर पर जुगनुओं वाला शेर कहीं ज्यादा बेहतर लगा !
जवाब देंहटाएं[ थाल पूजा ...पर व्यक्तिगत तौर पर विशेष सराहना स्वीकार कीजियेगा ]
जिन्दगी की राह में चलना हे तन्हा
जवाब देंहटाएंथाम कर रक्खोगे मेरा हाथ कब तक
खूबसूरत शेर
सचमुच बेहतरीन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गजल, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbehtareen gazal..
जवाब देंहटाएंhar sher jandar..
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
Behatreen sher ! puri ghazal hi sundar hai par ye sher lajawaab hai ....
आप ख़्वाबों में नहीं आते हो जब तक
जवाब देंहटाएंमैं हकीकत से जुड़ा रहता हुं तब तक
Ghazal to sampoorn behad kamaal ki hai.padhkar sach poochho to mazaa aa gaya.
तुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक...
सुंदर गजल.
शुक्रिया ,
जवाब देंहटाएंनीला पुलोवर + सूनी आँखें
पूजा की थाळी+अधूरा सत्य
पूरा सत्य
सुंदर और शानदार गजल , बधाई
जवाब देंहटाएंतुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
]
बहुत ही खूबसूरत शेर कहा है आपने !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
लाजबाब शे‘र!बधाई!
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
लाजबाब .गजल
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
खूब लिख रहे हैं आप नासवा जी.
वाह वाह ,क्या बात है.
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
बस यही जो याद रख सके आदमी तो जीवन और जहान जन्नत बन जाए..
हमेशा की तरह मन को छूती बेहतरीन रचना...
हर पंक्ति लाजवाब ...हमेशा की तरह ....बधाई इस सुन्दर अभिव्यक्ति के लिये
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
जीवन की सच्चाई ही रख दी है आपने तो |बहुत सुन्दर गजल
आप ख़्वाबों में नहीं आते हो जब तक
जवाब देंहटाएंमैं हकीकत से जुड़ा रहता हुं तब तक
बहुत सुन्दर गजल...हमेशा की तरह....
तुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
बेहतरीन गज़ल......
अच्छी लगी गजल......
जवाब देंहटाएंतुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
...अलग अंदाज। वाह!
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
Taza hawa kee tarah.
Nav varsha kee Hardik subhkamna.
तुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
कमाल की पंक्ति है....सारे ही शेर बेहतरीन हैं...सुन्दर अभिव्यक्ति लिये
गीत नगमें नज्म कविता शेर तेरे
जवाब देंहटाएंबस तेरी ही बात तेरा नाम लब तक
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
पूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
...प्यारभरी एक पूरी समर्पित रचना... नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना
aadarniy sir
जवाब देंहटाएंaap jo kuchh bhi likhte hain har bar ek naya ahsas hota hai.kaise likh lete hai aapitne sundarta ke saath ,lagta sab ek sutra me bandha ho jaise .mujhe bhi aapse bahut kuchh seekhna hai .
nav-varshh ki hardik badhai swikar karen----
poonam
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
bahut achhi lagi ye panktiyan---
poonam
papa this was great!!! im sooo proud of u papa!!! =)
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
जीना इसी का नाम है...उम्दा ग़ज़ल....धन्यवाद भाई
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है ...
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ...
हर पंक्ति लाजवाब
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति .
बहुत ही प्यारी गजल है। हार्दिक बधाईयां।
जवाब देंहटाएं---------
पति को वश में करने का उपाय।
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
नासवा जी रब्ब का रह दिखा दिया आपने तो ....
तुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
वाह ....गज़ब लिखने लगे हैं आज कल ....
बहुत खूब ....!!
यकीनन, बेमिसाल है। अंतिम पंक्तियां मर्म को छूती हैं तो रचना जीवन को..। नासवाजी, दिनों बाद आया.., यानी टिप्पणी दी क्योंकि आपके ब्लॉग पर मेरी आवाजाही निरंतर है, बगैर नागा..। हां टिप्पणी के लिहाज़ से..बहुत पीछे छूट जाता हूं। खैर..आपके ही शेर की तरह कि- "प्यार सबको बांटता चल इस सफर में....।"
जवाब देंहटाएंथाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक.....
बहुत ही बेहतरीन शेर. शुभकामना
lovely! :)
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में ,
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक ।
प्रत्येक पंक्ति में यथार्थ उतर आया है।
बार-बार पढ़ने को जी करे, ऐसी ग़ज़ल है ये।
बधाई, नासवा जी।
"प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक"
सुन्दर गज़ल ।
नये साल की बधाई स्वीकारे ।
जीवन के विविध रंगों को समेटे। सत्य के एकदम क़रीब।
जवाब देंहटाएंतुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक !! सावधान करती कविता ! धोखे से बचाती कविता ! नव वर्ष की मंगलमय शुभकामनाओं सहित आभार !
आप ख़्वाबों में नहीं आते हैं जब तक
जवाब देंहटाएंमैं हकीकत से जुड़ा रहता हुं तब तक
थाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
पूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
बहुत उम्दा ,अश’आर हैं नासवा जी
बहुत ख़ूब !
har line bemisaal.
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामना
जवाब देंहटाएंआप kaise हैं? मैं आपकी सारी छूटी हुई पोस्ट्स इत्मीनान से पढ़ कर दोबारा आता हूँ...
जवाब देंहटाएंहर शेर का एक ख़ास मतलब है| बढ़िया गजल|
जवाब देंहटाएंहर शेर बढ़िया, शुभकामनाओं सहित आभार
जवाब देंहटाएंथाल पूजा का लिए सूनी निगाहें
जवाब देंहटाएंपूछती हैं क्यों नहीं लौटे वो अब तक
बहुत ख़ूब ......
सक्रांति ...लोहड़ी और पोंगल....हमारे प्यारे-प्यारे त्योंहारों की शुभकामनायें......सादर
जवाब देंहटाएंगली के मोड़ पे सूना सा एक दरवाज़ा,
जवाब देंहटाएंतरसती आंखों से रस्ता किसी का देखेगा,
निगाह दूर तलक जा के लौट आएगी,
करोगे याद तो हर बात याद आएगी,
गुज़रते वक्त की हर मौज ठहर जाएगी...
जय हिंद...
Bahut Khoob........
जवाब देंहटाएंदिगंबर जी, मकर संक्रांति की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामना...
जवाब देंहटाएंbahut jaandaar......
जवाब देंहटाएंतुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
बहुत उम्दा!
बहुत अच्छी लगी यह ग़ज़ल .
तुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
बहुत उम्दा गज़ल ....
प्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
.
bahut khoob
अनुभवजन्य पंक्तियां। प्रेम से सराबोर।
जवाब देंहटाएंप्यार सबको बांटता चल इस सफ़र में
जवाब देंहटाएंबस इसी रस्ते से सब जाते हें रब तक
बस यही तो समझना है...
बहुत ही सुन्दर रचना...वाह !!!
तुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
जिस ग़ज़ल में ऐसा नायाब और उम्दा शेर
पढने को मिल जाए ,,,
उस ग़ज़ल पर तो हज़ारों-हज़ारों शेर क़ुर्बान... वाह !!
दिगंबर जी
ग़ज़ल के सारे शेर अपनी मिसाल आप हैं
लफ्ज़ लफ्ज़ में आपकी सोच और तज्रबा झलक रहा है
मुबारकबाद !!!
उम्दा ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंek ek sher bahot hi khaas! behtreen!
जवाब देंहटाएंएक एक पंक्ति मन को छू गयी!
जवाब देंहटाएंतुम चमकती रौशनी से दूर रहना
जवाब देंहटाएंजुगनुओं का साथ बस होता हे शब तक
टिप्पणियों का शतक मेरी और से...आप ग़ज़ल लेखन में सचिन बने ये दुआ करता हूँ...गज़ब का कह रहे हैं...बेमिसाल...
नीरज