स्वप्न मेरे: नव वर्ष
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शनिवार, 31 दिसंबर 2022

नव-वर्ष …

हम दिसंबर की इक्कत्तिस रात में अब क्या करें ?
क्या विगत का ग़म के स्वागत मिल के आगत का करें ?
हम दिसंबर की … 


है जो यह नव-वर्ष तम के साथ फिर आता है क्यों ?
बात है आनंद कि तो दुख चले आता है क्यों ?
नींद की टिक-टिक में उतरें पल तो क्या उसका करें ?
हम दिसंबर की …


वेदना का अंत क्या नव-वर्ष से हो पाएगा ?
भूख से छुटकारा क्या मानव को फिर मिल पाएगा ?
व्यर्थ है अवधारणा तो गीत क्यों गाया करें ?
हम दिसंबर की …


चल रहा आदित्य-पृथ्वी-चंद्रमा का दिव्य रथ,
लय सुनिश्चितताल नियमितकाल का पर एक पथ,
फिर बदल के वर्ष यह व्यवधान क्यों पैदा करें ?
हम दिसंबर की …

शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

खिली धूप को हम चलो गुनगुनाएँ ...

दोस्तों इस वर्ष की ये आखरी पोस्ट ... आप सभी को नव वर्ष मंगलमय हो ... सबको अपार खुशियाँ मिलें ... करोना से निजात मिले, आशाएं बनी रहे ... 

 लौटेंगे पलचल ये मस्ती लुटाएँ.
नए वर्ष की ढेर शुभ-कामनाएँ.


गुजरता हुआ पल  लौटेगा फिर से,
यही एक पल है इसे ही मनाएँ.

क़सम पहले दिन के प्रथम लम्हे की है,
वज़न दस किलो हो सके तो घटाएँ.

कई वादे ख़ुद से करेंगे अभी तो,
नया साल है तो नए गुल खिलाएँ.

हमें जनवरी लौटने अब  देगी,
दिसंबर को टाटा चलो कह तो आएँ.

अभी तो ठिठुरने का मौसम है कुछ दिन,
खिली धूप को हम चलो गुनगुनाएँ.

मंगलवार, 1 जनवरी 2019

नव वर्ष ...

ब्लॉग जगत के सभी साथियों को नव वर्ष की मंगल कामनाएं ... सन २०१९ नई उम्मीद, और सार्थक सोच ले के आए, भारत देश में सुख शान्ति का प्रवाह निरंतर बना रहे ... आज के दिन एक प्रश्न स्वयं से ...

क्या नया नव वर्ष में हमको मिला
हूबहू कल सा ही दिन था जो खिला

भोर बोझिल बदहवास सी मिली
धूप जैसी कल थी वैसी ही मिली
रात का आँचल भी तक़रीबन वही
पर नयी तारीख़ सबको थी मिली
सोचता हूँ क्यों रखूँ कोई गिला ... ?
क्या नया नव वर्ष में हमको मिला

इस तरफ़ तारीख़ बदली उस तरफ़
ज़िंदगी का एक दिन कम हो गया
कौन सी ख़ुशियाँ समय ने बाँट दीं
शोर जो इतना सुबह से हो गया
क्या नया सूरज कहीं फिर से जला ... ?
क्या नया नव वर्ष है हमको मिला

भूख कल सी, प्यास भी घटती नहीं
कश्म-कश जद्दो-जहद रुकती नहीं
तन पे कपड़ा क्या सभी को मिल गया
पेट की ये आग क्यों बुझती नहीं
रोटियों का ढेर क्या सबको मिला ... ? 
क्या नया नव वर्ष में हमको मिला

शनिवार, 31 दिसंबर 2016

नए साल में नए गुल खिलें, नई हो महक नया रंग हो ...

दोस्तों नव वर्ष की पूर्व-संध्या पे आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं ... नव वर्ष सभी के लिए सुख, शांति और समृद्धि ले के आए ... सब को बहुत बहुत मंगल-कामनाएं ...
   
नए साल में नए गुल खिलेंनई हो महक नया रंग हो
यूं ही खिल रही हो ये चांदनी यूं ही हर फिज़ां में उमंग हो

तेरी सादगी मेरी ज़िंदगीतेरी तिश्नगी मेरी बंदगी
मेरे हम सफ़र मेरे हमनवामैं चलूं जो तू मेरे संग हो  

जो तेरे करम की ही बात हो मैं ख़ास हूँ वो ख़ास हो
तेरे हुस्न पर हैं सभी फिदातेरे नूर में वो तरंग हो   

तो नफ़रतों की बिसात हो तो मज़हबों की ही बात हो
उदास कोई भी रात हो चमन में कोई भी जंग हो 

कहीं खो जाऊं शहर में मैंमेरे हक़ में कोई दुआ करे
ना तो रास्ते  मेरे गाँव के , मेरे घर की राह न तंग हो