tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post6815125654581508684..comments2024-03-29T15:40:17.367+05:30Comments on स्वप्न मेरे: माँ ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-830603591416572292020-10-07T15:39:36.765+05:302020-10-07T15:39:36.765+05:30माँ..
तू तो बडा बना कर चली गई! अब बरबस चले आते आंस...माँ..<br />तू तो बडा बना कर चली गई! अब बरबस चले आते आंसुओं को किसके आंचल में छुपाऊंगगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-24631696481642902802020-09-30T20:03:41.497+05:302020-09-30T20:03:41.497+05:30बहुत सुंदर और शब्दश: सच! वाकई हम तब तक बच्चे ही रह...बहुत सुंदर और शब्दश: सच! वाकई हम तब तक बच्चे ही रहते हैं जब तक हमारे मा पिता जीवित हैं, उनके जाते ही हम एकदम से बड़े और बूढ़े होने लगते हैं। आज मै जब घर मे अगरबत्ती जलाऊंगी, तो आपकी पंक्तियां याद आयेंगी, अब मैं भी किसी की मां हूँ! बहुत प्यारी रचना है। बधाई आपको।Sunitamohanhttps://www.blogger.com/profile/10616319094256028882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-90697368811113216212020-09-30T16:30:07.044+05:302020-09-30T16:30:07.044+05:30शाम होते ही अगरबत्ती जला देती है माँ.
घर के हर कोन...शाम होते ही अगरबत्ती जला देती है माँ.<br />घर के हर कोने को मन्दिर सा बना देती है माँ.<br /><br />वाह !!!<br />बहुत भावपूर्ण रचना !!!<br />मां को समर्पित इस ग़ज़ल के लिए आपको नमन !!!Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-48083726342387991412020-09-29T23:08:49.077+05:302020-09-29T23:08:49.077+05:30मां पर केंद्रित बेहतरीन ग़ज़ल....
कृपया इस link पर ...मां पर केंद्रित बेहतरीन ग़ज़ल....<br /><br />कृपया इस link पर अवश्य पधारें, इसमे आप भी शामिल हैं।....<br /><br />http://ghazalyatra.blogspot.com/2020/09/blog-post_29.html?m=1Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-27327547570606522492020-09-29T14:28:37.935+05:302020-09-29T14:28:37.935+05:30बहुत ही प्रभावी और कहीं कहीं आँखों को गीले कर देने...बहुत ही प्रभावी और कहीं कहीं आँखों को गीले कर देने वाले शब्द हैं !!Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-65032202190362067822020-09-27T06:50:18.713+05:302020-09-27T06:50:18.713+05:30वाह. माँ के स्वरूप पर आपके द्वारा लिखा गया साहित्य...वाह. माँ के स्वरूप पर आपके द्वारा लिखा गया साहित्य अपने आप में बेेजोड़ है.<br /><br />घर में नौकर भी है, पत्नी भी है, फिर भी आदतन, <br />रोज आटा गूंथ के सब्जी चढ़ा देती है माँ.<br /><br />माँ घर की एक भरी-पूरी प्रक्रिया बन गई है. बहुत खूब. Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-22296744093940650442020-09-27T00:30:00.631+05:302020-09-27T00:30:00.631+05:30बहुत भाग्यशाली होते हैं वो लोग जिन्हें माँ निडर हो...बहुत भाग्यशाली होते हैं वो लोग जिन्हें माँ निडर होकर जीना सिखा देतीं हैं,आपकी इस भावपूर्ण रचना को मेरा सादर प्रणाम,Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-27622987354480754832020-09-26T20:31:20.343+05:302020-09-26T20:31:20.343+05:30नमन है दिगम्बर जी आप को बहुत भावुक और बार बार पढ़न...नमन है दिगम्बर जी आप को बहुत भावुक और बार बार पढ़ने के लायक रचनाhindiguruhttps://www.blogger.com/profile/09026018787795712597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-31967516809630246032020-09-26T18:21:07.300+05:302020-09-26T18:21:07.300+05:30हृदयस्पर्शी सृजन कहूँ या दिल के सच्चे जज्बात...,&q...हृदयस्पर्शी सृजन कहूँ या दिल के सच्चे जज्बात...,"माँ" को भूलना आसान नहीं होता और भूलना भी नहीं चाहिए,माँ की पुण्यतिथि पर सत-सत नमन मेरा <br />,सादर नमस्कार आपको <br /><br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-65111880684652612622020-09-26T12:09:03.723+05:302020-09-26T12:09:03.723+05:30सयानापन और बुढ़ापा, ये दोनों, माँ के जाने के बाद ही...सयानापन और बुढ़ापा, ये दोनों, माँ के जाने के बाद ही आते हैं. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-20426607214755836042020-09-26T08:40:11.967+05:302020-09-26T08:40:11.967+05:30लाजवाब नासवा जी, मर्म को गहरे तक आडोलित करते शब्दो...लाजवाब नासवा जी, मर्म को गहरे तक आडोलित करते शब्दों का गुंचा।<br />शानदार।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-9643650480649106582020-09-25T20:36:41.871+05:302020-09-25T20:36:41.871+05:30बहुत भावुक रचना। बहुत भावुक रचना। डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-11082780731717635652020-09-25T17:53:07.039+05:302020-09-25T17:53:07.039+05:30वाहवाहसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-3149633601354364512020-09-25T16:47:51.598+05:302020-09-25T16:47:51.598+05:30मुश्किलों को ज़िन्दगी में हँस के सहने का हुनर,
डट क...मुश्किलों को ज़िन्दगी में हँस के सहने का हुनर,<br />डट के डर का सामना करना सिखा देती है माँ .<br /><br />जान जाती है बिना पूछे ही दिल का दर्द सब,<br />नीन्द कोसों दूर हो चाहे सुला देती है माँ.<br /><br />माँ की गोद में सिर रखते ही सारी मुश्किलें भूल जाते हैं वही बचपन लौट आता है और सकून की नींद भी...।<br />माँ पर बहुत ही भावपूर्ण लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-3369283252507696522020-09-25T16:22:58.663+05:302020-09-25T16:22:58.663+05:30माँ, माँ होती है। उनको हम एक पल के लिए भी भूक नही ...माँ, माँ होती है। उनको हम एक पल के लिए भी भूक नही सकते। बहुत सुंदर दिल को छूती रचना।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-57551390179610119292020-09-25T16:04:01.314+05:302020-09-25T16:04:01.314+05:30बहुत सुंदर बहुत सुंदर Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-76902776635093540412020-09-25T15:48:25.025+05:302020-09-25T15:48:25.025+05:30जान जाती है बिना पूछे ही दिल का दर्द सब,
नीन्द कोस...जान जाती है बिना पूछे ही दिल का दर्द सब,<br />नीन्द कोसों दूर हो चाहे सुला देती है माँ.<br /> हाँ, ऐसी ही होती है माँ, उसके दिल में सारी दुनिया समायी होती है फिर भी अपनी सन्तान का कोई गम उससे छुपा नहीं रह सकता, माँ की पावन स्मृति को नमन !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-61769085574230545032020-09-25T15:47:12.305+05:302020-09-25T15:47:12.305+05:30जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२६-०९-२०२०) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> 'पिछले पन्ने की औरतें '(चर्चा अंक-३८३६)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है<br />--<br />अनीता सैनीअनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-43309574652386856252020-09-25T11:30:07.180+05:302020-09-25T11:30:07.180+05:30बहुत सुन्दर और मार्मिक।
माँ को नमन।बहुत सुन्दर और मार्मिक। <br />माँ को नमन।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-31615086759919241152020-09-25T10:54:28.755+05:302020-09-25T10:54:28.755+05:30मुश्किलों को ज़िन्दगी में हँस के सहने का हुनर,
डट क...मुश्किलों को ज़िन्दगी में हँस के सहने का हुनर,<br />डट के डर का सामना करना सिखा देती है माँ ..<br />माँ से जीवन में सम्पूर्णता रहती है उसका अभाव तो बचपन में भी इन्सान को बूढ़ा बना देता है । माँ के लिए भावभीनी रचना. अत्यंत सुन्दर..,Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.com