tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post5721018167088728082..comments2024-03-28T14:28:13.874+05:30Comments on स्वप्न मेरे: शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-42897248946696049852021-05-12T22:53:48.564+05:302021-05-12T22:53:48.564+05:30शाम की लाली है या फिर श्याम की लीला कोई,
गेरुए से ...शाम की लाली है या फिर श्याम की लीला कोई,<br />गेरुए से वस्त्र ओढ़े लग रहा है ये शहर....<br /> ये तो अपनी तरह का अलग ही शेर है, खूबसूरत कल्पना है। <br />अंतिम दोनों शेर भी बहुत खूब बने हैं। Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-10379775269787548902021-05-09T08:37:01.983+05:302021-05-09T08:37:01.983+05:30बहुत बहुत सुन्दर सराहनीयबहुत बहुत सुन्दर सराहनीयआलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-72862872682223126112021-05-07T18:25:12.402+05:302021-05-07T18:25:12.402+05:30शाम की लाली है या फिर श्याम की लीला कोई,
गेरुए से ...शाम की लाली है या फिर श्याम की लीला कोई,<br />गेरुए से वस्त्र ओढ़े लग रहा है ये शहर.<br />वाह!!!<br />श्याम की लीला है शाम की लाली !!!गेरुए साँझ का बहुत ही सुन्दर चित्रण...।<br /><br />पूर्णिमा का चाँद हो के हो अमावस की निशा,<br />प्रेम के सागर में उठती है निरंतर इक लहर.<br />एक से बढ़कर एक शेर.... बहुत ही लाजवाब गजल।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-36458984169337901872021-05-06T19:36:35.082+05:302021-05-06T19:36:35.082+05:30बहुत ख़ूब... एक एक शेर लाजवाब!!बहुत ख़ूब... एक एक शेर लाजवाब!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-77995878578833649992021-05-06T08:23:34.458+05:302021-05-06T08:23:34.458+05:30पूर्णिमा का चाँद हो के हो अमावस की निशा,
प्रेम के ...पूर्णिमा का चाँद हो के हो अमावस की निशा,<br />प्रेम के सागर में उठती है निरंतर इक लहर.<br /><br />यही तो जीवन है। बहुत सुंदर कहा है दिगंबर जी।Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-14580872730110411192021-05-05T21:23:21.483+05:302021-05-05T21:23:21.483+05:30लाजवाबलाजवाबसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-82294905225238060932021-05-05T19:41:07.503+05:302021-05-05T19:41:07.503+05:30सच में बांसुरी की तान सी मीठी और सुन्दर भी । सत्य-...सच में बांसुरी की तान सी मीठी और सुन्दर भी । सत्य-सा...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-47339493485164302062021-05-05T16:27:32.552+05:302021-05-05T16:27:32.552+05:30सुन्दर रचनासुन्दर रचनाOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-65594037515271182842021-05-05T14:35:54.996+05:302021-05-05T14:35:54.996+05:30धूप नंगे सर उतर आती है छत पर जब कभी,
तब सुलग उठता ...धूप नंगे सर उतर आती है छत पर जब कभी,<br />तब सुलग उठता है घर आँगन गली, सहरा दहर.<br /> <br />शब्द जैसे बांसुरी की तान मीठी सी कहीं,<br />तुम कहो सुनता रहूँगा, काफिया हो, क्या बहर.<br /> <br />इस विरह की वेदना तो प्राण हर लेगी मेरे,<br />शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर.---वाह...बहुत ही गहराई से हालात को व्यक्त कर दिया आपने। PRAKRITI DARSHANhttps://www.blogger.com/profile/10412459838166453272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-5537006717607187492021-05-05T13:01:41.350+05:302021-05-05T13:01:41.350+05:30बेमिसाल, बेहतरीन आपकी ग़ज़लों का सानी नहीं।
हर शेर...बेमिसाल, बेहतरीन आपकी ग़ज़लों का सानी नहीं।<br />हर शेर लाजवाब।<br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-61771228037441157772021-05-05T12:08:33.505+05:302021-05-05T12:08:33.505+05:30शब्द जैसे बांसुरी की तान मीठी सी कहीं,
तुम कहो सुन...शब्द जैसे बांसुरी की तान मीठी सी कहीं,<br />तुम कहो सुनता रहूँगा, काफिया हो, क्या बहर.<br /> <br />इस विरह की वेदना तो प्राण हर लेगी मेरे,<br />शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर.<br /><br />वाह !! अद्भुत,एक से बढ़कर एक शेर,आपको सत-सत नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-44588073735277890132021-05-05T11:24:19.661+05:302021-05-05T11:24:19.661+05:30बहुत सुन्दर ग़ज़ल ,सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण !!बहुत सुन्दर ग़ज़ल ,सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण !!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-60966148271513816482021-05-05T10:45:37.421+05:302021-05-05T10:45:37.421+05:30वाह ! बहुत कोमल भावों को शब्दों में पिरोया है वाह ! बहुत कोमल भावों को शब्दों में पिरोया है Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-18822616191638265112021-05-05T07:45:46.683+05:302021-05-05T07:45:46.683+05:30बहुत खूब मान्यवर क्या गज़ल है 'शिव कहाँ जो जीत ...बहुत खूब मान्यवर क्या गज़ल है 'शिव कहाँ जो जीत लूंगा मृत्यु को'उर्मिला सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02492149402964498738noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-78802316409414824432021-05-05T06:02:50.529+05:302021-05-05T06:02:50.529+05:30हम में से कोई शिव नहीं दिगंबर जी। बहुत ही असरदार ग...हम में से कोई शिव नहीं दिगंबर जी। बहुत ही असरदार ग़ज़ल है आपकी जिसका एक-एक शेर मानीखेज़ है।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-24156128502947130802021-05-05T04:52:43.885+05:302021-05-05T04:52:43.885+05:30शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर..... वाह...शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर..... वाह! अद्भुत!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-70348130027538944382021-05-04T20:55:15.083+05:302021-05-04T20:55:15.083+05:30लुप्त हो जाते हें जब इस रात के बोझिल पहर.
मंदिरों ...लुप्त हो जाते हें जब इस रात के बोझिल पहर.<br />मंदिरों की घंटियों के साथ आती है सहर .<br />बहुत अपनी सी लगी ग़ज़ल की शुरुआत..बचपन की याद आ गई जहाँ मंदिरों की घंटियों के साथ पढ़ने बैठ जाया करते थे .सदा की तरह अति उत्तम सृजन.Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-23454749931529577702021-05-04T20:51:46.353+05:302021-05-04T20:51:46.353+05:30
शब्द जैसे बांसुरी की तान मीठी सी कहीं,
तुम कहो सु...<br />शब्द जैसे बांसुरी की तान मीठी सी कहीं,<br />तुम कहो सुनता रहूँगा, काफिया हो, क्या बहर.<br /> <br />इस विरह की वेदना तो प्राण हर लेगी मेरे,<br />शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर...बहुत सुंदर अल्फाजों में सजी नायाब गज़ल..इस कोरोना पीरियड में संजीवनी की तरह ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-57886631963547444022021-05-04T20:41:42.453+05:302021-05-04T20:41:42.453+05:30सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्... सादर नमस्कार , <br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (5 -5-21) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर "(चर्चा अंक 4057)</a> पर भी होगी।<br /> आप भी सादर आमंत्रित है।<br /> -- <br />कामिनी सिन्हा <br /><br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-25041409967809632222021-05-04T17:40:54.676+05:302021-05-04T17:40:54.676+05:30इस विरह की वेदना तो प्राण हर लेगी मेरे,
शिव कहाँ ज...इस विरह की वेदना तो प्राण हर लेगी मेरे,<br />शिव कहाँ जो जीत लूँगा मृत्यु को पी कर ज़हर.<br />...बेहतरीन पंक्तियाँ आदरणीय नसवा साहब।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-86650348660361954332021-05-04T16:22:00.449+05:302021-05-04T16:22:00.449+05:30बहुत ही शानदार बहुत ही शानदार सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-78358034290585362532021-05-04T15:13:59.858+05:302021-05-04T15:13:59.858+05:30हिंंदी में ग़जल ...वाह क्या खूब कहा है नासवा जी आ...हिंंदी में ग़जल ...वाह क्या खूब कहा है नासवा जी आपने कि ''मंदिरों की घंटियों के साथ आती है सहर.'' देश औश्र समाज को एक धागे में समेट दिया आपने Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-12837089026359689132021-05-04T14:41:58.751+05:302021-05-04T14:41:58.751+05:30आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&qu...<i><b> आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुघवार 05 मई 2021 को साझा की गयी है..............<a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow"> पाँच लिंकों का आनन्द पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>दिव्या अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/17744482806190795071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-76447449108935522802021-05-04T14:16:55.054+05:302021-05-04T14:16:55.054+05:30बेहतरीन।
सुंदर सृजन।🌻बेहतरीन।<br />सुंदर सृजन।🌻शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-40852524869463560842021-05-04T14:07:12.901+05:302021-05-04T14:07:12.901+05:30बहुत सुंदर गजल, दिगम्बर भाई।बहुत सुंदर गजल, दिगम्बर भाई।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.com